Beta version of Digipin : डाक विभाग भारत में एक मानकीकृत, जियो-कोडेड एड्रेसिंग सिस्टम स्थापित करने की पहल को आगे बढ़ा रहा है ताकि सार्वजनिक और निजी सेवाओं की नागरिक-केंद्रित डिलीवरी के लिए सरलीकृत एड्रेसिंग समाधान सुनिश्चित किया जा सके। इस संबंध में विभाग ने डिजिटल पोस्टल इंडेक्स नंबर (डिजिपिन) नामक राष्ट्रीय एड्रेसिंग ग्रिड विकसित करने के लिए IIT हैदराबाद के साथ सहभागिता की थी। ये प्रणाली भू-स्थानिक गवर्नेंस के एक मजबूत और सुदृढ़ स्तंभ के तौर पर काम करेगी। इससे सार्वजनिक सेवा वितरण में बढ़ोतरी, आपातकालीन प्रतिक्रिया में तेजी और लॉजिस्टिक्स दक्षता में खासी वृद्धि होगी।
Digipin का Beta संस्करण, पतों की संदर्भ प्रणाली का काम करेगी। इसका इस्तेमाल भवन निर्माण में अपनाए गए तार्किक नामकरण पैटर्न के चलते इसमें निर्मित दिशात्मक चीजों के साथ किन्हीं पतों को लोकेट करने के लिए किया जा सकता है।
Beta version of Digipin को पूरी तरह से सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध कराने का प्रस्ताव है। इसे हर कोई आसानी से इस्तेमाल कर सकता है। डिजिपिन ग्रिड सिस्टम एक एड्रेसिंग रेफरेंसिंग सिस्टम है, जिसका उपयोग विभिन्न सेवा प्रदाताओं और उपयोगिताओं सहित अन्य इकोसिस्टम के लिए बुनियादी परत के रूप में किया जा सकता है, जहां पते काम के प्रवाह की प्रक्रियाओं में शामिल होते हैं।
ये प्रणाली भू-स्थानिक गवर्नेंस के एक मजबूत और सुदृढ़ स्तंभ का काम करेगी। इससे सार्वजनिक सेवा वितरण में वृद्धि, आपातकालीन प्रतिक्रिया में तेज़ी और लॉजिस्टिक्स दक्षता में खासी वृद्धि होगी।
Beta version of Digipin का आना डिजिटल परिवर्तन की ओर भारत की यात्रा में एक क्रांतिकारी कदम साबित होगा। ये भौतिक स्थानों और उनके डिजिटल प्रतिनिधित्व के बीच बड़े अंतर को दूर करेगा।
डाक विभाग ने लोगों की प्रतिक्रिया के लिए 19.07.2024 को राष्ट्रीय एड्रेसिंग ग्रिड Beta version of Digipin का संस्करण जारी किया है। इसका विवरण इंडिया पोस्ट की वेबसाइट https://www.indiapost.gov.in/vas/Pages/digipin.aspx पर पा सकते हैं।
विभाग सभी को बीटा प्लेटफ़ॉर्म का इस्तेमाल करने और अपनी रचनात्मक प्रतिक्रिया देने के लिए बढ़ावा देता है। ये Beta version of Digipin कार्यप्रणाली को बेहतर करने में मदद करेगा। इस संबंध में टिप्पणियां और सुझाव 22.09.2024 तक digipin@indiapost.gov.in पर ईमेल द्वारा भेजे जा सकते हैं।