Budget 2024 Modi 3.0 : नए सरकार के प्रथम बजट में शिक्षाविदों को उम्मीद है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा इस महीने के अंत में पेश किए जाने वाले Budget 2024 Modi 3.0 के बजट में अनुसंधान पर जोर देने के साथ ही शिक्षा क्षेत्र के लिए आवंटन में उल्लेखनीय वृद्धि देखी जाएगी।
उन्होंने नवाचार को बढ़ावा देने और वैश्विक प्रगति के साथ तालमेल बनाए रखने के लिए अनुसंधान में अधिक निवेश का आह्वान किया है और कहा है कि विज्ञान, प्रौद्योगिकी और अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में भारत की वृद्धि के लिए इन क्षमताओं को मजबूत करना महत्वपूर्ण है।
भारत के Budget 2024 Modi 3.0 में, शिक्षा और अनुसंधान वित्त पोषण को महत्वपूर्ण बढ़ावा देना अनिवार्य है। वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए विश्व स्तर पर 3रे स्थान पर होने के बावजूद, नवाचार में भारत का 40वां स्थान हम सब देश वासियों के लिए चिंताजनक है।
वही दिल्ली निदेशक के बिट्स पिलानी ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के कुलपति और IIT के पूर्व फार्मर डायरेक्टर वी रामगोपाल राव ने कहा -अनुसंधान एवं विकास पर खर्च सकल घरेलू उत्पाद का केवल 0.65 प्रतिशत है, जो ब्रिक्स के औसत और 1.8 प्रतिशत के वैश्विक औसत से काफी कम है, इस निवेश को बढ़ाना महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (NRF) को इन कमियों को दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए। उनको विशेष रूप से शिक्षा-उद्योग सहयोग को लक्षित करने वाली अधिक योजनाएँ की माँग हैं।
1 फरवरी को पेश अंतरिम Budget 2024 Modi 3.0 में शिक्षा के लिए 1.20 लाख करोड़ रुपये अलग रखे गए थे, जो कि कुल बजट 9,091 करोड़ का 7.26 प्रतिशत है, जो 2023-24 के लिए 1,29,718 करोड़ रुपये के संशोधित अनुमान से कम है। स्कूल शिक्षा के लिए यह आवंटन 2023-24 में 72,473 करोड़ रुपये (संशोधित अनुमान) से बढ़कर 2024-25 में 73,008 करोड़ रुपये (बजटीय अनुमान) हो गया, जो की पिछली बजट का सिर्फ 0.7 प्रतिशत की वृद्धि है।
अब नए बजट 2024-25 में उच्च शिक्षा को 47,619 करोड़ रुपये मिले, जो 2023-24 में 57,244 करोड़ रुपये से 18% कम है।
इस पुरे बजट को लेकर विशेषज्ञों का मत
इस पुरे बजट को लेकर शारदा स्कूल ऑफ बिजनेस स्टडीज के डीन डॉ. कपिल पंडला के अनुसार, बुनियादी ढांचे, अनुसंधान क्षमताओं और समग्र गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए आवंटन में उल्लेखनीय वृद्धि होनी चाहिए। पंडला ने कहा Budget 2024 Modi 3.0 में उद्योग की जरूरतों के साथ बेहतर तालमेल और स्नातकों की रोजगार क्षमता में सुधार के लिए उच्च शिक्षा के भीतर एकीकृत व्यावसायिक प्रशिक्षण और कौशल विकास कार्यक्रमों पर जोर दिया जाना चाहिए। सरकार ने लगभग 10 मिलियन युवाओं को प्रशिक्षण देने के लिए प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 4.0 के माध्यम से 12,000 करोड़ रुपये आवंटित किए। उन्होंने कहा कि इस बार इसे बेहतर आवंटन मिलना चाहिए ।
वही केंद्र सरकार के स्वामित्व वाले सार्वजनिक तकनीकी संस्थानों जैसे – भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों IIT को वित्त वर्ष 2024 में 10,384 करोड़ के मुकाबले वर्ष 2025 के लिए 10,324 करोड़ रुपये (बजट अनुमान) प्राप्त हुए। जो की पिछले कुछ वर्षों में, शिक्षा पर खर्च 2.5 से 3% के बीच घट-बढ़ रहा है। यह देखना उत्साहवर्धक होगा कि शिक्षा के लिए आवंटन को अधिकतम 6 % या उससे अधिक तक बढ़ाया जाए। इसका अनिवार्य रूप से मतलब यह है कि एक देश के रूप में हमें नए संस्थानों, विशेषकर K-12 स्कूलों की स्थापना को प्रोत्साहित करके शिक्षा पर पहले आवंटित 1.32 लाख करोड़ रुपये से अधिक खर्च करने के लिए तैयार रहना चाहिए,बता दे की वर्तमान में देश में लगभग 1.5 मिलियन K-12 स्कूल हैं, जिनमें 253 मिलियन छात्र हैं। सेठ एमआर जयपुरिया के समूह निदेशक कनक गुप्ता ने कहा कि दुनिया में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के आगमन और राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 द्वारा निर्धारित आकांक्षाओं से स्कूलों में योजना को बढ़ावा दिया है, और बजट में वित्त मंत्री को कक्षाओं में नवीन शिक्षण प्लेटफार्मों के अवसरों को प्रोत्साहित करना चाहिए।