drug free india केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में NCORD की 7वीं शीर्षस्तरीय बैठक की अध्यक्षता
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Drug free india: केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली के विज्ञान भवन में नार्को कॉर्डिनेशन सेंटर (NCORD) की 7वीं शीर्षस्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। गृह मंत्री ने राष्ट्रीय नारकोटिक्स हेल्पलाइन ‘MANAS’ की शुरुआत और श्रीनगर में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (NCB) के जोनल कार्यालय का वर्चुअल उद्घाटन भी किया। इसके साथ ही अमित शाह ने NCB की ‘वार्षिक रिपोर्ट 2023’ और ‘नशामुक्त भारत’ पर Compendium भी जारी किया।
बैठक को संबोधित करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में नशे के खिलाफ लड़ाई में बहुत गंभीरता आई है और हम इसे एक अभियान के रूप में आगे बढ़ाने में सफल रहे हैं। उन्होंने कहा कि असल लड़ाई तो अब शुरू हुई है क्योंकि अब हम इस लड़ाई में निर्णायक मोड़ पर हैं। शाह ने कहा कि जब तक देश का 35 वर्ष से कम उम्र का हर नागरिक इस लड़ाई को लड़ने और 35 वर्ष से अधिक आयु वाला हर नागरिक मार्गदर्शन का संकल्प नहीं करता तब तक हम इस लड़ाई को नहीं जीत सकते। उन्होंने कहा कि सरकारें अकेले इस लड़ाई को नहीं जीत सकती बल्कि इस लड़ाई को देश की 130 करोड़ जनता के बीच ले जाने की अप्रोच होनी चाहिए।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी ने सभी देशवासियों के सामने 2047 में आज़ादी की शताब्दी के समय भारत को विश्व में हर क्षेत्र में सर्वप्रथम बनाने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य की प्राप्ति युवा पीढ़ी को Drug free India योजना अंतर्गत ड्रग्स के अभिशाप से दूर रखकर ही संभव है। शाह ने कहा कि ड्रग्स के खिलाफ यह लड़ाई बेहद महत्वपूर्ण है और इसे गंभीरता और प्राथमिकता के साथ लड़ने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि इस लड़ाई को अगर हम सर्वोच्च प्राथमिकता नहीं देंगे तो हम इसे जीत नहीं सकेंगे। शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की नशामुक्त भारत की परिकल्पना बहुत बड़ा चैलेंज और संकल्प हैं। उन्होंने कहा कि हम अब एक ऐसे पड़ाव पर जागरूक हुए हैं कि अगर हम डटकर और दृढ़ संकल्प के साथ लड़ेंगे तो यह लड़ाई जीत सकते हैं।
अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने पिछले 5 साल में Whole of Government Approach और स्ट्रक्चरल रिफॉर्म्स, इंस्टीट्यूश्नल और इंफॉर्मेशनल रिफॉर्म्स के तीन स्तंभों के आधार पर इस लड़ाई को लड़ने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि 2004 से वर्ष 2023 तक 5,933 करोड़ रूपए मूल्य की 1,52,000 किलोग्राम ड्रग्स ज़ब्त की गई थी जबकि 2014 से 2024 के दस साल में ये मात्रा बढ़कर 5,43,000 किलोग्राम हो गई, जिसकी क़ीमत 22,000 करोड़ रूपए से भी अधिक है। शाह ने कहा कि मोदी सरकार के प्रयासों के कारण ड्रग्स के कई नेटवर्क्स को ध्वस्त करने में भी सफलता मिली है।
केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि ड्रग्स का सबसे बड़ा नुकसान है कि ये भावी पीढ़ी को खोखला कर देती है और इसका आदी सदस्य अपने साथ-साथ अपने पूरे परिवार को भी घोर निराशा और हीनभावना से ग्रसित कर देता है। उन्होंने कहा कि इसका एक नया खतरा सामने आया है कि अब ये पूरा बिज़नेस नार्को टेरर के साथ जुड़ गया है और देश की सुरक्षा के लिए सबसे गंभीर खतरा ड्रग्स की कमाई से आने वाला पैसा बन गया है। शाह ने कहा कि हमारे अर्थतंत्र को खोखला करने के लिए अर्थिक व्यवहार के चैनल्स भी ड्रग्स के व्यापार के कारण मज़बूत हुए हैं और कई इस प्रकार के संगठन बन गए हैं जो सिर्फ ड्रग्स ही नहीं बल्कि गैरकानूनी हवाला और कर चोरी के काम भी करते हैं। उन्होंने कहा कि ड्रग्स की तस्करी अब एक मल्टीलेयर्ड अपराध बन गया है जिससे हमें मज़बूती और सख्ती से निपटने की ज़रूरत है।
गृह मंत्री ने कहा कि सभी एजेंसियों, विशेषकर राज्यों की पुलिस का लक्ष्य सिर्फ ड्रग्स का उपयोग करने वालों को पकड़ना ही नहीं बल्कि इसके कारोबार में लगे लोगों को पकड़ने और पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने का होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसके लिए Top to Bottom और Bottom to Top जांच पर ज़ोर देने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि अगर देश की सीमा पर ड्रग्स का जखीरा पकड़ा जाता है तो इसकी जांच कर इसके पीछे का पूरा नेटनवर्क ध्वस्त करने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि गुजरात ने ड्रग्स के कई बड़े मामलों में Top to Bottom और Bottom to Top अप्रोच के साथ इन्वेस्टिगेशन करने का बहुत अच्छा काम किया है। उन्होंने कहा कि सिंथेटिक ड्रग्स की समस्या अब भारत में भी सामने आ रही है और हाल ही में कई अवैध प्रयोगशालाएं पकड़ी गई हैं। गृह मंत्री ने कहा कि सभी राज्यों की जांच और अन्य एजेसियों को NCB से इसकी विस्तृत जानकारी लेकर अपने अपने राज्यों में इस तरह की गतिविधियों पर रोक लगाने का काम करना चाहिए। शाह ने कहा कि हमारा लक्ष्य होना चाहिए कि न तो हम भारत में एक भी ग्राम ड्रग्स कहीं से आने देंगे और न ही भारत की सीमाओं का ड्रग्स के व्यापार के लिए किसी भी प्रकार से इस्तेमाल होने देंगे। उन्होंने कहा कि ड्रग्स कहीं से भी आए या कहीं भी जाए, हमें उसे गंभीरता के साथ लेना चाहिए और जब तक पूरी दुनिया एकसाथ नहीं लड़ती है हम इस लड़ाई को जीत नहीं सकते।
अमित शाह ने कहा कि उन्होंने 2014 से ही NCORD के क्रियान्वयन पर बहुत ज़ोर दिया है और इसके उत्साहजनक आंकड़े सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि ज़िलास्तरीय NCORD जब तक काम नहीं करेगी तब तक ये लड़ाई सफलतापूर्वक नहीं लड़ सकेंगे। गृह मंत्री ने इस बात पर बल दिया कि ज़िलास्तरीय NCORD मात्र चर्चा का फोरम न बनें बल्कि निर्णय और रिव्यू का भी फोरम बनें। उन्होंने कहा कि ज़िले को अपने लक्ष्य तय कर उनकी समीक्षा करना चाहिए। NCORD की बैठकें Outcome-Based और Result-Oriented होनी चाहिएं। एक निर्धारित लक्ष्य बनाना, उसकी समीक्षा करना और स्थानीय परिस्थितिनुकूल रणनीति बनाना इसका एक महत्वपूर्ण हिस्सा होना चाहिए। उन्होंने सभी एजेंसियों को PITNDPS का उपयोग बढ़ाने को भी कहा। गृह मंत्री ने कहा कि बहुत समय से हमारी एजेंसियों का सूत्र था, Need To Know लेकिन अब हमें Duty To Share की ओर आगे बढ़ना चाहिए और इस बड़े परिवर्तन को सभी एजेंसियों को अपनाना होगा। शाह ने कहा कि ड्रग्स की सप्लाई के प्रति ruthless, डिमांड रिडक्शन के प्रति strategic और हार्म रिडक्शन के लिए human अप्रोच होना चाहिए। उन्होंने कहा कि ये तीनों अलग-अलग हैं लेकिन जब तक इस अप्रोच को नहीं अपनाएंगे तब तक सफल नहीं होंगे।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आज MANAS पोर्टल का भी लोकार्पण हुआ है और इसके साथ कई अन्य पहल भी की गई हैं जिन्हें राज्यों और ज़िलास्तर की हर इकाई तक पहुंचाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि राज्यों को नार्कोटिक्स फॉरेंसिक्स पर अपने बजट का एक हिस्सा खर्च करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अब जल्द ही सरकार नारकोटिक्स के प्राथमिक टेस्ट के लिए बहुत सस्ती किट उपलब्ध कराने जा रही है जिससे केस दर्ज करने में बहुत आसानी हो जाएगी। शाह ने कहा कि सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने नशामुक्त भारत अभियान को अच्छी तरह से आगे बढ़ाया है और सभी धार्मिक, युवा और रोटरी संगठनों को भी इसमें जोड़ना चाहिए। शाह ने कहा कि ड्रग्स के खिलाफ इस लड़ाई में अभी हमें बहुत रास्ता तय करना बाकी है और अब हमें इसकी गति और व्यापकता बढ़ानी होगी। उन्होंने कहा कि हमें गति बढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़नी और व्यापकता बढ़ाने के लिए कई साथियों को साथ लेकर चलना होगा।
श्रीनगर में NCB का जोनल कार्यालयभारत की उत्तर-पश्चिमी सीमा के माध्यम से हो रही मादक पदार्थों की तस्करी पर अंकुश लगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। NCB के अब 30 जोनल और 7 क्षेत्रीय कार्यालय हैं। NCB की वार्षिक रिपोर्ट-2023 मादक पदार्थों की तस्करी और नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खिलाफ चल रही लड़ाई में NCB और अन्य एजेंसियों के प्रयासों तथा उपलब्धियों पर प्रकाश डालती है। इसमें हाल के वर्षों में सभी एजेंसियों द्वारा की गई जब्ती, मादक पदार्थों की तस्करी पर नवीनतम रुझान, Prevention of Illicit Traffic in Narcotic Drugs and Psychotropic Substances Act (PITNDPS) के तहत कार्रवाई, धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत कार्रवाई सहित वित्तीय जांच आदि का डेटा शामिल है। MANAS (मादक पदार्थ निषेधआसूचना केंद्र) के तहत एक टोल-फ्री नंबर 1933, एक वेब पोर्टल, एक मोबाइल ऐप और उमंग ऐप होगा ताकि देश के नागरिक, नशीली दवाओं की तस्करी/तस्करी पर जानकारी साझा करने या नशीली दवाओं के दुरुपयोग, नशामुक्ति और पुनर्वास जैसे मुद्दों से संबंधित सलाह लेने के लिए गुमनाम रूप से चौबीसों घंटे NCB से जुड़ सकें।
मादक पदार्थों की अवैध खेती एक बड़ा खतरा है जिससे निपटने की ज़रूरत है और एनसीबी ने BISAG-N के साथ मिलकर अवैध खेती पर अंकुश लगाने और सटीक GIS जानकारी प्रदान करने के लिए एक वेब पोर्टल और मोबाइल ऐप “MAPDRUGS” को विकसित किया है जिससे ऐसी अवैध खेती को संबंधितएजेंसियोंद्वारा नष्ट किया जा सके।
बैठक में सभी हितधारकों – सभी मंत्रालयों, विभागों, राज्य सरकारों और नशामुक्त भारत की दिशा में काम करने वाली सभी एजेंसियों के प्रमुखों ने भाग लिया। केन्द्रीय गृह सचिव, राजस्व सचिव, सचिव, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय, निदेशक, इंटेलीजेंस ब्यूरो, महानिदेशक, NCB आदि सहित केन्द्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने बैठक में भाग लिया। बैठक में सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों, पुलिस महानिदेशकों और एंटी-नारकोटिक्स टास्क फोर्स के प्रमुखों ने वर्चुअली भाग लिया। बैठक में NCB, DRI, ED, BSF, SSB, CRPF, CISF, RPF, Indian Navy, Indian Coast Guard, सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता मंत्रालय आदि के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए।