Kumbh Mela 2025 – राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने 25 जुलाई, 2024 को अपने कार्यालय में प्रयागराज, उत्तर प्रदेश में आगामी kumbh mela 2025 के लिए बाल-अनुकूल उपायों के कार्यान्वयन की रणनीति बनाने और चर्चा करने के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। बैठक में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष, सदस्य तथा सदस्य सचिव समेत संस्कृति मंत्रालय, पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए), एनडीआरएफ के वरिष्ठ अधिकारी, उत्तर प्रदेश के सरकारी अधिकारियों सहित प्रमुख हितधारक, मेला कुंभ प्राधिकरण, प्रयागराज, उत्तर प्रदेश बाल आयोग, पर्यटन विभाग, राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, अग्निशमन सेवाएं, पुलिस, स्वास्थ्य, श्रम, राहत आयुक्त, उत्तर प्रदेश, बाल कल्याण समिति, प्रयागराज, सीड्ब्ल्यूपीओ, स्वंयसेवको तथा चाइल्ड हेल्पलाइन प्रयागराज के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
एनसीपीसीआर के अध्यक्ष श्री प्रियांक कानूनगो ने विषय पर प्रकाश डालकर चर्चा का शुभारंभ किया। बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए महाकुंभ मेले के दौरान उठाए जाने वाले प्रमुख कदमों पर एनसीपीसीआर द्वारा एक प्रस्तुति दी गई। बैठक के दौरान बाल मित्रवत मेला बनाने और बच्चों के किसी भी प्रकार के उल्लंघन के लिए शून्य सहनशीलता सुनिश्चित करने के दिशानिर्देश भी साझा किए गए और उन पर चर्चा की गई। एडीएम और मेला प्राधिकरण, प्रयागराज उत्तर प्रदेश द्वारा आगामी महाकुंभ मेले की तैयारियों पर एक प्रस्तुति दी गई।
एनसीपीसीआर के अध्यक्ष श्री प्रियंक कानूनगो ने आगामी महाकुंभ मेले में बच्चों के लिए एक सुरक्षित माहौल उपलब्ध कराने तथा इसे विश्व का सबसे बड़ा बाल हितैषी आयोजन बनाने के लिए प्रयास करने के लिए सभी को प्रेरित किया, जिससे पूरी दुनिया में बाल संरक्षण की दिशा में हमारे द्वारा किए जा रहे प्रयासों का संदेश जाएगा और हम विश्व को बता पाएंगे की भारत अपने बच्चों की चिंता समेकित रूप से करता है। उन्होंने kumbh mela 2025 में भाग लेने वाले बच्चों की सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करने की महत्वपूर्ण आवश्यकता पर बल दिया। पिछले आयोजनों से बाल-मित्र पहल की सफलताओं और कमियों पर प्रकाश डालते हुए, एनसीपीसीआर के अध्यक्ष ने व्यापक सुरक्षा प्रोटोकॉल के कार्यान्वयन पर चर्चा की। एनसीपीसीआर के अध्यक्ष ने किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 की धारा 51 के अनुसार उपयुक्त सुविधा घोषित करने और बाल कल्याण समितियों की बैठक सुनिश्चित करने पर भी जोर दिया और यह भी कहा कि स्टॉल आवंटन के समय दुकानदारों से बाल श्रम न करने का शपथ पत्र लिया जाए।
kumbh mela 2025 बैठक के एजेंडे में पिछले महाकुंभ मेले के दौरान किए गए उपायों की समीक्षा शामिल थी। इस दौरान यह बताया गया कि पूर्व में उज्जैन और हरिद्वार में आयोजित कुंभ मेलों में बाल अधिकार संरक्षण उपायों के चलते एक भी बच्चा नहीं खोया, जो कि अपने आप में बड़ी उपलब्धि है। इसके अतिरिक्त सफलताओं और सुधार की आवश्यकता वाले क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया गया था। मुख्य चर्चाएँ मजबूत बाल सुरक्षा प्रोटोकॉल लागू करने, बाल-अनुकूल क्षेत्र, खोया-पाया केंद्र और बच्चों के लिए समर्पित सहायता डेस्क स्थापित करने, कैमरे लगाने और कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसे तकनीकी सॉफ़्टवेयर का लाभ उठाने, पहले से ही दोषी ठहराए जा चुके तस्करों की पहचान करने के लिए चेहरे की पहचान करने पर केंद्रित थीं। बाल चिकित्सा आपात स्थितियों से निपटने और प्राथमिक चिकित्सा प्रदान करने के लिए सुसज्जित विशेष स्वास्थ्य सेवा इकाइयों की योजनाओं पर भी चर्चा की गई। सुरक्षा उपायों, स्वच्छता और आपातकालीन प्रोटोकॉल के बारे में माता-पिता और बच्चों दोनों को लक्षित करके जागरूकता अभियान चलाने की रणनीतियों पर विचार-विमर्श किया गया, साथ ही बाल संरक्षण इकाइयों की तैनाती सहित सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करने के लिए स्थानीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ समन्वय रणनीतियों पर भी विचार-विमर्श किया गया। बैठक के दौरान यह भी निर्णय लिया गया कि एसडीएमए, सीडब्ल्यूपीओ के स्वयंसेवकों के लिए एक संवेदीकरण कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, एनसीपीसीआर और एससीपीसीआर प्रशिक्षण के लिए विशेषज्ञ संसाधन व्यक्तियों को भेजेंगे।
बैठक के दौरान इंडिया थिंक काउंसिल के निदेशक श्री सौरभ पांडे ने kumbh mela 2025 से पहले आगामी तीसरे कुंभ सम्मेलन 2024-25 के संबंध में जानकारी साझा की, जिसका आयोजन उत्तर प्रदेश पर्यटन, प्रयागराज मेला प्राधिकरण, संस्कृति और पर्यटन मंत्रालय और अन्य साझेदार विश्वविद्यालयों के सहयोग से किया जा रहा है। कुंभ सम्मेलन से पहले और महाकुंभ के दौरान पूरे भारत में 24 पूर्ववर्ती गोलमेज सम्मेलन भी आयोजित किए जाएंगे। एनसीपीसीआर इस सम्मेलन का अकादमिक भागीदार होगा। बैठक का समापन सभी हितधारकों की ओर से kumbh mela 2025 को बच्चों के लिए सुरक्षित और बाल-सुलभ आयोजन बनाने की दिशा में मिलकर काम करने की मजबूत प्रतिबद्धता के साथ हुआ। आयोग बच्चों के कल्याण और सुरक्षा को सुनिश्चित करते हुए इन उपायों के कार्यान्वयन की निगरानी और समर्थन करना जारी रखेगा।