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पत्रकार मुकेश चंद्रकार की हत्या से पहले सुरेश ने बैंक से क्यों निकाले पैसे,चौंकाने वाली है SIT की रिपोर्ट

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 SIT की रिपोर्ट

रायपुर: छत्तीसगढ़ के बीजापुर में पत्रकार मुकेश चंद्रकार की हत्या मामले में मास्टमाइंड सुरेश चंद्रकार के बारे में एसआईटी ने बड़ा खुलासा किया है। हत्या से कुछ दिन पहले सुरेश चंद्रकार ने अपने बैंक खाते से बड़ी राशि निकाली थी। यह जानकारी मामले की जांच कर रही एसआईटी ने गुरुवार को दी। यह पहली बार है, जब SIT ने इस मामले में संभावित धन के पहलू की ओर इशारा किया है।

हत्या की साजिस पहले से की गयी थी

एसआईटी के अनुसार ठेकेदार सुरेश ने अपने भाइयों रितेश और दिनेश के साथ मिलकर अपने रिश्तेदार मुकेश की हत्या की साजिस  1 जनवरी पहले बनाई हुवी थी। सुरेश, रितेश, दिनेश और एक अन्य संदिग्ध, सुरेश के सुपरवाइजर महेंद्र रामटेके को 4 और 5 जनवरी को हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। यह गिरफ्तारी मुकेश का शव छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के एक सेप्टिक टैंक में मिलने के कुछ दिन बाद हुई।

सड़क निर्माण में भ्रष्टाचार की खबरों से नाराज

पुलिस का दावा है कि मुकेश की हत्या सुरेश द्वारा किए गए कुछ सड़क निर्माण परियोजनाओं में कथित भ्रष्टाचार पर की गई एक खबर के कारण हुई थी। सुरेश कथित तौर पर 150 करोड़ रुपए की तीन सरकारी परियोजनाएं कर रहा था, जिसमें अभी भी निर्माणाधीन नेलेसनार-गंगालूर सड़क के एक हिस्से पर काम भी शामिल है।

बैंक से राशि निकला गया

वहीं, जब एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी से पूछा गया कि सुरेश के बैंक खाते से कितनी राशि निकाली गई थी, तो उन्होंने कहा कि यह जांच का विषय है। उन्होंने एक अंग्रेजी अखबार से बात करते हुए कहा कि राशि का खुलासा करने पर जांच बाधित होगी। SIT चीफ मयंक गुर्जर के अनुसार, सुरेश ने स्वीकार किया है कि मुकेश की रिपोर्ट ने उसे परेशान कर दिया था।

जीमेल अकाउंट से लोकेशन  से पता चला

इसके साथ ही SIT ने कहा कि 2 जनवरी को मुकेश के लापता होने की सूचना मिलने के बाद, पुलिस टीम ने पत्रकार के अंतिम ज्ञात स्थान को उसके जीमेल अकाउंट के माध्यम से ट्रैक किया। यह कथित तौर पर छत्तनपारा, बीजापुर में था, जहां सुरेश की आधा एकड़ जमीन पर 17 कमरों की एक संपत्ति बनी हुई थी। जब वह अपनी छत्तनपारा संपत्ति पर पहुंचा, तो सुरेश को कथित तौर पर एक पुलिस टीम को आसपास दिखाने के लिए कहा गया।

पुलिस के अनुसार, जब उन्हें वहां मुकेश नहीं मिला, तो टीम ने उसके कॉल रिकॉर्ड का पता लगाना शुरू किया। इस दौरान पाया कि रितेश को कई कॉल किए गए थे। जांचकर्ताओं ने इलाके में लगे CCTV की भी जांच शुरू की और रितेश को घर से गाड़ी चलाकर जाते हुए पाया। इस बीच, एक अन्य टीम ने दिनेश का बीजापुर जिला अस्पताल में पता लगाया। पूछताछ के दौरान, पुलिस को कथित तौर पर पता चला कि रितेश और रामटेके ने मुकेश को लोहे की रॉड से मार डाला था और उसके शरीर को पास के एक सेप्टिक टैंक में फेंक दिया था।
बीजापुर पुलिस ने बताया कि इससे पुलिस को अन्य लोगों का पता लगाने में मदद मिली। लोहे की रॉड कथित तौर पर बीजापुर में नेलसनार नदी के पास एक जंगल में मिली थी। SIT ने कहा कि एक फोरेंसिक टीम ने अपराध स्थल का पूरी तरह से निरीक्षण किया है और सबूत इकट्ठा किए हैं और हमने 50 लोगों से पूछताछ की है।
100 कॉल डेटा की जांचइसके साथ ही एसआईटी 100 कॉल डेटा रिकॉर्ड्स (CDR) से डेटा एकत्र कर रही। आखिर किन-किन लोगों से इस दौरान बातचीत हुई। साथ ही सुरेश चंद्रकार की सपंत्तियों की भी जांच हो रही है

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