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पीकू फसल की कहानी जल बचाएं कल बचाएं

पीकू फसल कहानी: पीकू एक दिन उड़ते हुए धान के खेत में जा पहुंचा । गर्मी के सीजन में धान के फसल को देखकर वो हैरान हो गया उसने किसान से कहा- किसान भाई आप गर्मियों के दिनों में धान की फसल क्यों लेते हैं? धान की फसल को प्रतिवर्ग फीट 16 लीटर पानी चाहिए । अगर आप गर्मी में धान की फसल लेंगे तो सोचिए पानी की कितनी कमी हो जाएगी । क्या आप जानते हैं कि आज हमारा धमतरी जिला किस भयानक जल संकट से गुजर रहा है । मई महीने में हमारे धमतरी में लगभग 740 पेयजल पंप बंद हो चुके हैं । धमतरी जिले को जीवन देने वाले गंगरेल में भी सिर्फ चार टीएमसी पानी शेष है ।

किसान- पीकू तो फिर हम करें क्या? यहीं तो हमारे आय का स्रोत हैं । पीकू- नहीं गर्मी के मौसम में आय के लिए आप दलहन या तिलहन फसल का विकल्प ले सकते है । आप इसे आय भी अर्जित कर सकते और पानी भी बचा सकते है । किसान- उससे हमें क्या फायदा? पीकू- दलहन, तिलहन की खेती हमारी मिट्टी उर्वरता को बढ़ाती है । दलहन की खेती से मिट्टी में नाइट्रोजन, फॉस्फोरस एवं अन्य तत्व की मात्रा भी बढ़ जाती है । इसका लाभ आगामी खरीफ फसलों को मिलता है और उत्पादन में वृद्धि होती है । किसान- ऐसा तब तो मैं गर्मी में दलहन या तिलहन ही लगाऊंगा । पीकू- किसान भैय्या तो समझ गए पानी कैसे बचाना है और धरती की उर्वरता को कैसे बढ़ाना है । अब आप भी जल बचाएं, आने वाल कल बचाएं.

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