रायपुर(प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना) : देश में महिलाओं के लिए सशक्तिकरण का माध्यम बन रही है उज्ज्वला योजना, देश के अन्य राज्यों की तरह ही छत्तीसगढ़ में भी बड़ी संख्या में गरीब परिवार की महिलाओं को निःशुल्क रसोई गैस कनेक्शन दिए जा रहे हैं। राज्य में अब तक 36 लाख से अधिक महिलाओं को इस योजना का लाभ मिल चुका है।
हम सब जानते है की एक दौर था जब उच्च और उच्च मध्यम परिवारों के घरों में रसोई गैस कनेक्शन होता था। गरीब परिवारों की महिलाओं के लिए ऐसी सुविधा जुटाना एक सपने जैसा था। गरीब परिवारों की महिलाओं को परिवार संभालने की जिम्मेदारी के साथ-साथ असुविधाजनक ढ़ंग से लकड़ी या कोयले के माध्यम से चूल्हे में खाना पकाना पड़ता था। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने देश की गरीब महिलाओं की दिक्कतें को समझते हुए तथा उनके सशक्तिकरण के लिए इस योजना की शुरूआत 2016 में किया गया था ।
मिली जानकारी के अनुसार खाद्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना में छत्तीसगढ़ में अब तक 36 लाख से अधिक गरीब परिवार की महिलाओं को निःशुल्क रसोई गैस कनेक्शन दिए गए हैं। विदित हो की जब से रसोई गैस मिले है किचन का वातावरण काफी आसान हो गया है। महिलाओं को धुएं से मुक्ति मिल गई है। साथ ही खाना पकाने में उन्हें काफी कम समय लग रहा है।
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना लाभार्थियों की जुबानी-
रायगढ़ जिले के लैलूंगा ब्लाक के ग्राम भुइयांपानी निवासी विशेष पिछड़ी जनजाति बिरहोर परिवार की नान्हीबाई ने मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय को धन्यवाद देते हुए कहा कि अब उन्हें जंगल जाना नहीं पड़ता। साथ ही मजबूरी में खाना बनाने के लिए लकड़ी इकट्ठा करनी नहीं पड़ती हैं। अधिकतर जंगल से लकड़ी लाने में जंगली जानवरों का खौफ भी बना रहता था। चूल्हे के धुंए से आँखों में भी चलन होती थी उससे भी राहत मिल रही हैं। यही कहानी बैकुण्ठपुर निवासी श्रीमती रामबाई, श्रीमती मानकुंवर बाई, श्रीमती दुर्गा, फूलबासन बाई,श्रीमती ऊषा बाई और गाव के अन्य हितग्राहियो ने भी अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि पहले भोजन बनाते समय धुआं के कारण खांसी और आंख से आंसू बहते थे। अब गैस-चूल्हा मिलने से इस समस्या से छुटकारा मिल गया है। बर्तन भी काले नहीं होते हैं। यह योजना परिवार के लिए और पर्यावरण के लिए भी बहुत ही उपयोगी सिद्ध हो रही है। गैस चूल्हा होने से पेड़ की कटाई भी रूकेगी और हरियाली भी बने रहेगी।