Women and Child Protection Act : महिला और बाल विकास मंत्रालय ने ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्रालय के सहयोग से नए आपराधिक कानूनों पर दूसरा राष्ट्रीय वेबिनार आयोजित किया। यह आयोजन हाल ही में लागू किए गए आपराधिक कानूनों ‘भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस), और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए)’ पर आधारित था। यह पहल विशेष रूप से Women and Child Protection Act के कल्याण के लिए इन परिवर्तनकारी कानूनी बदलावों के बारे में राष्ट्रव्यापी जागरूकता और जानकारी बढ़ाने के लिए है। इस तरह का पहला वेबिनार 21 जून, 2024 को आयोजित किया गया था।
इस पुरे बैठक को पंचायती राज मंत्रालय के सचिव और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय और ग्रामीण विकास मंत्रालय के संयुक्त सचिव ने अपने भाषण से प्रारम्भ किया । उन्होंने अपने संबोधन में नए Women and Child Protection Act के प्रमुख प्रावधानों के बारे में जानकारी दी। पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो (बीपीआर एंड डी) और महिला और बाल विकास मंत्रालय के विशेषज्ञों ने महिलाओं और बच्चों पर इन कानूनों के सकारात्मक प्रभावों के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की। उन्होंने बताया कि इन कानूनों में महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा, गरिमा और संरक्षा से संबंधित विशेषताओं पर जोर दिया गया।
इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुवे पंचायती राज संस्थानों के निर्वाचित प्रतिनिधियों, विशेष रूप से महिला प्रतिनिधियों, महिला स्वयं सहायता समूहों, महिला और बाल विकास विभाग, ग्रामीण विकास मंत्रालय और पंचायती राज मंत्रालय के विभिन्न हितधारकों सहित लगभग 50 लाख हितधारकों ने भाग लिया।
इन सुधारात्मक Women and Child Protection Act का पारित होना भारत में महिलाओं और बच्चों को सशक्त बनाने के लिए कानूनी ढांचे को सुदृढ़ करने के प्रधानमंत्री के व्यापक दृष्टिकोण के अनुरूप है।